Wednesday, April 24, 2013

विद्दा

पुस्तकस्था तुया  विद्दा
परहस्त गतम धनं

कार्यकाले समुत्पन्ने
नसा विद्दा न तद्धनम 

Wednesday, April 10, 2013

मातृत्व

रुदन करते रुद्राक्ष
महिमा - मंडित होती ममता
ओजस्वी ॐ की ओस
गोद में दो बूँद ठोस ..
क्या यही मातृत्व है?

ममत्व भरी मोहिनी की मुस्कान
कोलाहल करते कुश-लव के गान
अठखेलियाँ अनेक आँगन में
बचपन के बोल बाल - कृष्ण में
क्या यही है मातृत्व ?

एक एकाकी स्पर्श सुनहरा
कोमलता का कलरव गहरा
बंधे एक सूत्र में दो पल
तुम्हारा मुख मेरा वक्ष - स्थल
क्या यही मातृत्व है ?

प्रकृति के 'तीन ऋणों  ' की आपूर्ति !

Sunday, April 7, 2013

एक लघु भारत


भूखा पेट करता व्यवसाय
देह पर सहता अन्याय

माझी की मझधार में
हमारी एक कटार में

वास करते हैं आप
और करते रहते हैं पाप

चक्रव्यूह है अभिमन्यु का
राजनीति और सामाजिक परिस्थिति का

'फूलन ' और 'भंवरी ' सखियाँ
अश्रु-धारा में बह गयी अँखियाँ

बाल्य - काल था सुखमयी
यौवन भी रहा रहस्यमयी

अब वयस्क हैं पर क्या
'यूथ पॉलिटिक्स' नज़र आती 'इश्किया'

देह पर हक मांगने हेतु
बनाएंगे हम कोई भी 'सेतु'

'जय हिन्द'!