पिता की दुहिता लाडली
या गाँव की अल्हड़ निराली
या फिर प्रेमी की प्रेमिका ?
या फिर भाई की सेविका?
क्या है मेरा अस्तित्व
क्या है मेरी पहचान?
क्या हूँ मैं भगवान् की पुजारिन?
या फिर क्राइस्ट की दुलारिन
या फिर अल्लाह की काफ़िर
या फिर विज्ञान का ‘सिफ़र’
क्या है मेरा अस्तित्व
क्या है मेरी पहचान?
विध्वंसकों के लिए क्रूरता
महिलाओं के लिए वीरता
बालकों के लिए प्रेम-प्रतीक
अपराधियों के लिए जवाब सटीक
क्या है मेरा अस्तित्व
क्या है मेरी पहचान?
वो समझे मुझे बेवफ़ा
और ये मुझे मिसाल-ए-वफ़ा
वो समझे मुझे रौद्र अभिमानी
और ये मुझे करुणा-स्वाभिमानी
क्या है मेरा यौवन, क्या वृद्धावस्था
क्या है जीवन, क्या मूर्छावस्था
कौन है मित्र-कौन शत्रु मेरा
परिस्थितियों का खेल सारा
क्या है मेरा अस्तित्व
क्या है मेरी पहचान?
No comments:
Post a Comment