सामान्यतः अनुशासन हम अपने विद्यार्थी जीवन में सबसे अधिक सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में समय की पाबन्दी, नियम से काम करने का असर, आत्म-संयम का ध्यान रखते हुए दूसरों के प्रति व्यवहार करना, इत्यादि।
अनुशासन हमारे जीवन में बहुत उपयोगी है और यदि हम इसका निरंतर अभ्यास करें तो हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अनुशासन का अर्थ है - अपने ऊपर शासन करने के लिए कुछ नियम। इसका तात्पर्य और भी कहीं ज़्यादा गहन है - अनुशासन का अभिप्राय समय - बद्ध होने के साथ साथ एक निरंतर अभ्यास करते रहना, अपने कार्य को और प्रखर बनाना, दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाना, इत्यादि भी शामिल हैं।
अनुशासन के रास्ते हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं और अपनी मंज़िल तक पहुँच सकते हैं। यहाँ पर यह भी समझना ज़रूरी है कि अनुशासन कितने प्रकार का होता है और इसकी सीमाएँ क्या हैं - वैसे तो अनुशासन अपने आप में एक सीमा को ही परिधि बनाये हुए है तो उसकी क्या सीमा हो सकती है - लेकिन अनुशासन की भी सीमाएँ हैं।
अनुशासन मात्र शरीर तक ही सीमित नहीं है - शरीर पर अनुशासन करना तो एक सर्व - विदित विज्ञान है। असली अनुशासन हमारे विचारों से शुरू होता है।
जब हम अपने मन को स्थिर रखना सीख जाते हैं , अपने दिमाग़ को इधर - उधर भागने से रोक सकते हैं , क्रमशः अच्छे विचार , सकारात्मक सोच , दूसरों का भला सोचना - इस प्रकार के अनुशासन का अभ्यास करते हैं तो हमारे जीवन में बदलाव आता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सो कर उठने , समय पर रात को सोने से , स्वस्थ भोजन ग्रहण करने से , अपने शरीर का ध्यान रखते हुए ऑफिस में कार्य करने से भी अनुशासन हमारे जीवन में धीरे - धीरे आता है और कब हमारा जीवन बदल जाता है , हमें पता भी नहीं चलता।
हम अपने जीवन में यदि बदलाव देखना चाहते हैं तो अनुशासन अपनी कार्यशैली में लाने से हमारा जीवन बदल सकता है।
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