रुदन करते रुद्राक्ष
महिमा - मंडित होती ममता
ओजस्वी ॐ की ओस
गोद में दो बूँद ठोस ..
क्या यही मातृत्व है?
ममत्व भरी मोहिनी की मुस्कान
कोलाहल करते कुश-लव के गान
अठखेलियाँ अनेक आँगन में
बचपन के बोल बाल - कृष्ण में
क्या यही है मातृत्व ?
एक एकाकी स्पर्श सुनहरा
कोमलता का कलरव गहरा
बंधे एक सूत्र में दो पल
तुम्हारा मुख मेरा वक्ष - स्थल
क्या यही मातृत्व है ?
प्रकृति के 'तीन ऋणों ' की आपूर्ति !
महिमा - मंडित होती ममता
ओजस्वी ॐ की ओस
गोद में दो बूँद ठोस ..
क्या यही मातृत्व है?
ममत्व भरी मोहिनी की मुस्कान
कोलाहल करते कुश-लव के गान
अठखेलियाँ अनेक आँगन में
बचपन के बोल बाल - कृष्ण में
क्या यही है मातृत्व ?
एक एकाकी स्पर्श सुनहरा
कोमलता का कलरव गहरा
बंधे एक सूत्र में दो पल
तुम्हारा मुख मेरा वक्ष - स्थल
क्या यही मातृत्व है ?
प्रकृति के 'तीन ऋणों ' की आपूर्ति !
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