घूँघट ही तो है
जो जोड़ता है
जो जोड़ता है
ह्रदय का ह्रदय से
मिलाप करवाता है
मिलाप करवाता है
घूँघट ही तो है
जो अस्तित्व है
जो अस्तित्व है
प्रेम के अटूट बंधन की
प्रेमी युगल की तृप्ति है
प्रेमी युगल की तृप्ति है
घूँघट ही तो है
जिसे उठाने से
जिसे उठाने से
भंग होती है माया
जो मायाजाल का मोह-पाश है
जो मायाजाल का मोह-पाश है
घूँघट ही तो है
जिसके जाने से
जिसके जाने से
होती है कुलबुलाहट
जो मन की आहट है
जो मन की आहट है
घूँघट का क्या है औचित्य?
यही तो भीतर का तर्क-वितर्क है!!
यही तो भीतर का तर्क-वितर्क है!!
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