नमस्कार
आपका स्वागत है बीयू टीवी पर। मैं हूँ श्वेत निशा।
और मैं हूँ सुमित कुमार शिवम्। क्या आपको पता है हर साल करीब 1.6 मिलियन आग की दुर्घटनाओं और 27,000 से अधिक लोगों की मौत ऐसी दुर्घटनाओं के कारण होती है, ज़ाहिर सी बात है देश में हर किसी के बीच आग का डर स्पष्ट है। भले ही लोग अक्सर अपने अंत में सावधानी बरतते हैं, फिर भी दुर्घटनाएँ होती हैं और अक्सर मनुष्य और सामग्री दोनों को भारी मात्रा में नुकसान होता है।
(श्वेत निशा )
जी हाँ। अग्नि दुर्घटना वहीं घटती है जहां लापरवाही बढ़ती है। अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने का सबसे सरल तरीका बन गया है। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा उन सावधानियों से संबंधित है जिन्हें आग की संभावना को रोकने या कम करने के लिए लिया जाता है, जिसके परिणाम में हमारी क्षति, चोट और मृत्यु हो सकती है। अग्नि सुरक्षा भवन सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है. आइये श्रेय प्रिय से जानते हैं कि बीयू में आयोजित फायर सेफ्टी वीक में अग्नि सुरक्षा सम्बन्धित और क्या जानकारी दी गयी।
(सुमित )
तो हमने देखा किस तरह अग्नि - शमन विभाग ने छात्रों की सुरक्षा की भरपूर तैयारी की हुई है। आगे बढ़ते हैं कुछ मनोरंजन जगत की ख़बरों की ओर. आपने सुना ही होगा कि आजकल युवाओं में रेडियो या दूरदर्शन से ज़्यादा वेब सीरीज बहुत लोकप्रिय हैं। ऐसी ही एक वेब सीरीज राणा नायडू की स्टारकास्ट ने बेनेट यूनिवर्सिटी में शिरकत की और हम सभी का मनोरंजन किया। देखते हैं रश्मि कुमारी की इस रिपोर्ट में।
(श्वेत निशा )
तो हमने देखा किस तरह कुछ कलाकारों ने फिल्म जगत से लेकर वेब सीरीज में भी अपनी छाप छोड़ी है जिससे युवाओं में उमंग और उत्साह दिखा। आगे बढ़ते हैं हाल ही में आयोजित आइवर्ट एशियाई वीमेन फिल्म फेस्टिवल की ओर जो 15 मार्च के आसपास इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुआ. यहाँ कई फिल्में तो दिखाई गयीं , साथ ही वर्कशॉप भी की गयी। वहां पर मौजूद एक अभिनेता का क्या कहना है आजकल की बदलती फ़िल्मी दुनिया के बारे में, आइये सुनते हैं।
(सुमित )
तो ये थे मोहन अगाशे जो हमें बता रहे थे कि तकनीकी क्षमताओं से परिपूर्ण हमारी आज की फिल्म इंडस्ट्री भी है जो विकास की ओर तेज़ी से बढ़ रही है। अब हम आपको बीयू के एक ऐसी परीक्षा के बारे में बताएँगे जहाँ छात्रों को कोई पेपर या पेन नहीं उठाना पड़ता बल्कि लाइव इवेंट्स बनाने होते हैं। और उन्हें सबके सामने पेश करना होता है। इस एग्जाम का नाम है झोल जो पी आर का एक मूल्यांकन करने का तरीका है। इस साल भी झोल की तैयारी की उमंग छात्रों में देखने को मिली। उनकी थीम एक ऐसे इवेंट को लेकर थी जो उन्हें ग्रामीणों को ध्यान में रखकर बनानी थी।
(श्वेत निशा )
और अब एक ऐसी कहानी डिलीवरी बॉयज की ज़ुबानी। ये छात्रों के बीच काफी सराहनीय हैं और इनका काम बीयू के कुरियर को इधर से उधर देना है। नैवेद्य पुरोहित ने उनसे ख़ास बातचीत की और उनके समय - प्रबंधन को जानने की कोशिश की जिससे वे दिन भर चुस्ती से डिलीवरी करते हैं।
(सुमित)
आखिर में हमारी कैंपस डायरी की कुछ और झलकियां पेश हैं।
बीयू टीवी पर ख़बरों का सिलसिला जारी रहेगा।
नमस्कार
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