बुलेटिन प्रोडक्शन
रन डाउन बनाना
स्टोरी का निर्णय लेना
समय निर्धारित करना
स्लग बनाना
रिपोर्टर का नाम लिखना
एंकर लिंक सुनिश्चित करना
विभिन्न प्रकार के समाचार बुलेटिन
- न्यूज़
- मैगज़ीन
- साक्षात्कार
- पैनल इंटरव्यू
रंडाउन तैयार करना
सीक्वेंस समझना
एक थीम से शुरुआत करना
एंकर लिंक लिखना
टाइम निश्चित करना
एक सेगमेंट १०-१२ मिनट का रखना
लाइव और ब्रेकिंग न्यूज स्थितियों को संभालना
आउटपुट एडिटर से संपर्क करना
रिपोर्टर से संपर्क करना
सम्बंधित फ़ोन लगाना
एंकर को स्टूडियो भेजना
पूरे पीसीआर क्रू को बुलाना
पहला सेगमेंट रोल करना
ब्रेकिंग न्यूज़ में तुरंत लाइव करना
इनपुट और आउटपुट डेस्क समन्वय
इनपुट द्वारा न्यूज़ का चयन
उसके आधार पर फॉरवर्ड प्लानिंग करना
स्टोरी बैंक से आउटपुट एडिटर को न्यूज़ लेना
रन डाउन स्टोरी के आधार पर बनाना
कोई लाइव इंटरव्यू इनपुट के आधार पर तय करना
प्रोमो और टीज़र काटना
शॉट्स का चयन करना
एंकर से रिकॉर्ड करवाना
टेक्स्ट लिखना
ग्राफ़िक डिज़ाइन करवाना
एडिट करना
प्रिय विद्यार्थियों,
आशा करती हूँ आप लोग अपनी बुलेटिन की तैयारी में लगे होंगे।
हमारा पहला बुलेटिन तैयार है। झोल और स्पोर्टिकोन वाले इवेंट्स से हमारा दूसरा बुलेटिन शुरू हो जाएगा। अगर पहला बुलेटिन लम्बा हुआ तो हम उसकी कुछ स्टोरीज दुसरे बुलेटिन में ले लेंगे। जैसे शिवरात्रि का पर्व कैंपस पर कैसे मनाया गया , इसका ग्राफ़िक वीडियो के साथ दूसरे बुलेटिन में बनाया जा सकता है।
आगे जो करना है वो निम्नलिखित है :
- दूसरे बुलेटिन का रन डाउन
- दूसरे बुलेटिन के स्क्रिप्ट्स
सोमवार तक मैं आपको पहले बुलेटिन के एंकर लिंक्स लिखकर भेज रही हूँ ताकि मंगलवार को आप रिकॉर्ड कर सकें। मैं मंगलवार को नहीं आऊंगी और सोमवार को आप सब शायद फील्ड ट्रिप पर जा रहे हैं।
साभार
नवोदिता मैम
हाँ
न
लोकसंपर्क
गुप्तचरों
राजाओं
प्राचीन काल में लोकसंपर्क के मार्ग इनमें से कौन से नहीं थे।
रेडियो
शिलाखण्ड
ताम्रपत्र
आधुनिक विज्ञान से विकसित होने पर आज के लोकसंपर्क के साधन हैं:
समाचार - पत्र
प्रस्तर - मूर्तियाँ
शिलाखण्ड
प्रिय विद्यार्थी ,
मैं आप सभी को फिर से बताना चाह रही हूँ कि आपका पी टी सी टेस्ट २. ३० बजे से है. सभी लोग स्टूडियो में आ जाइएगा। ये सबके लिए अनिवार्य है।
साभार
नवोदिता
टाइम्स ऑफ़ इंडिया
दैनिक जागरण
भारत ने अपने सिनेमा का विकास मूक सिनेमा से लेकर, और ३ डी सिनेमा तक किया है।
टॉकीज़
नाटक
संगीत
हिंदी पत्रकारिता चार चरणों अथवा युगों में बँटी हुई है।
जेम्स हिकी
महात्मा गाँधी
यह पत्रकारिता का। /युग था
तीसरा
पहला
दूसरा
करूँगी
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