Thursday, April 27, 2023

 संचार के मुख्य तत्त्वों में से ये नहीं है :

लेखन 

प्रेषक 

सन्देश 

यह रिसीवर द्वारा प्रतिक्रिया है किसी सन्देश के लिए :

फीडबैक 

मॉडल 

थ्योरी 

संचार तत्त्व की प्रक्रिया में               ये तत्त्व सबसे पहले आता है :

स्रोत या संचारक 

सन्देश 

प्राप्तकर्ता 

अन्तरवैयक्तिक संचार वह है जिसमें दो व्यक्तियों के बीच या एक व्यक्ति तथा समूह के बीच संचार होता है ?

हाँ 

न 

यह लोक मीडिया की मुख्या विशेषता नहीं है :

यह महँगा होता है और तकनीक - युक्त है 

इसमें सांस्कृतिक क्षेत्र या लोग की भागीदारी है 

इन्हें जनता विशेष के अनुकूल अपनाया जाता है 

मीडिया अपनी खबरों द्वारा समाज के असंतुलन एवं संतुलन में बड़ी भूमिका निभाता है। 

हाँ 

न 

इसमें सन्देश प्रेषक एवं सन्देश प्राप्तकर्ता एक ही होता है। यह कौन सा संचार है ?

आत्म संचार 

समूह संचार 

जन संचार 

                                             मॉडल गणितीय मॉडल का प्रतिपादन है। 

शैनन एवं वीवर 

ऑसगुड 

एस एम सी आर 

प्राचीनकाल में ये जनसंचार के सशक्त माध्यम थे:

धर्म ग्रन्थ और शिलालेख 

टीवी 

रेडियो 

हिंदी पत्रकारिता मुख्य रूप से       युगों में विभाजित है :

चार 

तीन 

दो 




Monday, April 24, 2023

 नमस्कार 

आपका स्वागत है बीयू टीवी पर। मैं हूँ श्वेत निशा। 

और मैं हूँ सुमित कुमार शिवम्।  क्या आपको पता है हर साल करीब 1.6 मिलियन आग की दुर्घटनाओं और 27,000 से अधिक लोगों की मौत ऐसी दुर्घटनाओं के कारण होती है, ज़ाहिर सी बात है देश में हर किसी के बीच आग का डर स्पष्ट है। भले ही लोग अक्सर अपने अंत में सावधानी बरतते हैं, फिर भी दुर्घटनाएँ होती हैं और अक्सर मनुष्य और सामग्री दोनों को भारी मात्रा में नुकसान होता है।

(श्वेत निशा )

जी हाँ। अग्नि दुर्घटना वहीं घटती है जहां लापरवाही बढ़ती है। अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने का सबसे सरल तरीका बन गया है। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा उन सावधानियों से संबंधित है जिन्हें आग की संभावना को रोकने या कम करने के लिए लिया जाता है, जिसके परिणाम में हमारी क्षति, चोट और मृत्यु हो सकती है। अग्नि सुरक्षा भवन सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है. आइये श्रेय प्रिय से जानते हैं कि बीयू में आयोजित फायर सेफ्टी वीक में अग्नि सुरक्षा सम्बन्धित और क्या जानकारी दी गयी। 

(सुमित )

तो हमने देखा किस तरह अग्नि - शमन विभाग ने छात्रों की सुरक्षा की भरपूर तैयारी की हुई है। आगे बढ़ते हैं कुछ मनोरंजन जगत की ख़बरों की ओर. आपने सुना ही होगा कि आजकल युवाओं में रेडियो या दूरदर्शन से ज़्यादा वेब सीरीज बहुत लोकप्रिय हैं। ऐसी ही एक वेब सीरीज राणा नायडू की स्टारकास्ट ने बेनेट यूनिवर्सिटी में शिरकत की और हम सभी का मनोरंजन किया। देखते हैं रश्मि कुमारी की इस रिपोर्ट में। 

(श्वेत निशा )

तो हमने देखा किस तरह कुछ कलाकारों ने फिल्म जगत से लेकर वेब सीरीज में भी अपनी छाप छोड़ी है जिससे युवाओं में उमंग और उत्साह दिखा। आगे बढ़ते हैं हाल ही में आयोजित आइवर्ट एशियाई वीमेन फिल्म फेस्टिवल की ओर जो 15 मार्च के आसपास इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुआ. यहाँ कई फिल्में तो दिखाई गयीं , साथ ही वर्कशॉप भी की गयी। वहां पर मौजूद एक अभिनेता का क्या कहना है आजकल की बदलती फ़िल्मी दुनिया के बारे में, आइये सुनते हैं। 

(सुमित )

तो ये थे मोहन अगाशे जो हमें बता रहे थे कि तकनीकी क्षमताओं  से परिपूर्ण हमारी आज की फिल्म इंडस्ट्री भी है जो विकास की ओर तेज़ी से बढ़ रही है। अब हम आपको बीयू के एक ऐसी परीक्षा के बारे में बताएँगे जहाँ छात्रों को कोई पेपर या पेन नहीं उठाना पड़ता बल्कि लाइव इवेंट्स बनाने होते हैं। और उन्हें सबके सामने पेश करना होता है। इस एग्जाम का नाम है झोल जो पी आर का एक मूल्यांकन करने का तरीका है। इस साल भी झोल की तैयारी की उमंग छात्रों में देखने को मिली। उनकी थीम एक ऐसे इवेंट को लेकर थी जो उन्हें ग्रामीणों को ध्यान में रखकर बनानी थी।  

(श्वेत निशा )

और अब एक ऐसी कहानी डिलीवरी बॉयज की ज़ुबानी। ये छात्रों के बीच काफी सराहनीय हैं और इनका काम बीयू के कुरियर को इधर से उधर  देना है। नैवेद्य पुरोहित ने उनसे ख़ास बातचीत की और उनके समय - प्रबंधन को जानने की कोशिश की जिससे वे दिन भर चुस्ती से डिलीवरी करते हैं। 

(सुमित)

आखिर में हमारी कैंपस डायरी की कुछ और झलकियां पेश हैं। 

बीयू टीवी पर ख़बरों का सिलसिला जारी रहेगा। 

नमस्कार 


 नमस्कार 

आपका स्वागत है BUTV पर।  मैं हूँ रश्मि कुमारी... 

और मैं हूँ नैवेद्य पुरोहित 

(रश्मि)

नैवेद्य, मैं सोच रही थी कि अभी गर्मी आयी ही है और तापमान कुछ शहरों में छत्तीस डिग्री से ऊपर पहुँच रहा है। तो क्या इस गर्मी के लू के थपेड़ों से बचने के लिए तुमने कुछ तरीके अपनाये हैं ?

(नैवेद्य)

हाँ रश्मि , गरम लू और हवा से बचने के लिए कैंपस में काफी कुछ खाने - पीने का सामान बिकता है जैसे ठंडी लस्सी, फलों का जूस, कोल्ड कॉफ़ी और शेक। लेकिन तुमने कभी ध्यान दिया - हमारी कैंपस डायरी में और भी बहुत कुछ है जिससे हम मौसम का लुत्फ़ उठा सकते हैं। 

(रश्मि)

तुम कहीं सूरजकुंड मेले की बात तो नहीं कर रहे ? जहाँ हम सब वसंत ऋतू में गर्मी से पहले गए थे ?

(नैवेद्य )

हाँ , इस साल उस मेले की थीम थी - पूर्वोत्तर राज्य। हरियाणा के फरीदाबाद में हर साल लगने वाले इस मेले में हस्तशिल्प, हथकरघा और कई अन्य चीजों के रूप में भारतीय विरासत की व्यापक विविधता को प्रदर्शित की जाती रहीं है।सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन के सहयोग से यह आयोजित किया जाता है। यहां कई अविश्वसनीय लोक प्रदर्शन देखने को मिलते है जो दर्शकों का शत प्रतिशत मनोरंजन करते हैं। आइए देखते हैं इस पर ये रिपोर्ट। 

(रश्मि)

यह तो असम के एरी सिल्क की काफी लुभावनी कहानी थी। एक बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार टिप्पणी की थी, “सभी कलाओं के कार्य कविता के रूप में हैं और उनके निर्माता सभी कवि हैं।“ वह बुद्धिमान व्यक्ति प्लेटो था। खैर, मणिपुर, जो भारत के सुदूर पूर्वोत्तर में इतना सुंदर और प्राचीन है कि आने वालों को यह अलौकिक लगता है। यदि आप इतने भाग्यशाली हैं तो आपको अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार मणिपुर का अनुभव ज़रूर करना चाहिए। धुंधली पहाड़ियाँ, चमकती झीलें, हरी-भरी घाटियाँ, बहती नदियाँ, और गहरे जंगल मणिपुर राज्य के कुछ भव्य नज़ारे हैं लेकिन वे यात्रा करने के एकमात्र कारण नहीं हैं। वहां की हस्तशिल्प कला भी अपने आप में महत्वपूर्ण हैं। पेश है उस पर ये रिपोर्ट 

(नैवेद्य )

सूरजकुंड पर ही ये एक और रिपोर्ट हैं जहाँ हमें देखने को मिलता है एक और कलाकार का हुनर। इस रिपोर्ट में श्रेया प्रिय ने एक शिल्पकार से की ख़ास मुलाक़ात।  साथ ही उसके काम को भी लोगों ने खूब सराहा। 

(ब्रेक में रश्मि  )

तो अभी तक इतना ही। अब वक़्त है एक ब्रेक का।  ब्रेक के बाद देखिये एक गाँव की कहानी जहाँ हमारे छात्रों ने किया गाँव वासियों को जागरूक

(नैवेद्य )

और बताया उनको कुछ ख़ास। 

(रश्मि )

ब्रेक के बाद आपका स्वागत है। सबसे पहले एक नज़र एक ऑटो एक्सपो पर जहाँ ग्रेटर नॉएडा में तरह तरह की गाड़ियां दिखाई गईं। लेकिन सबकी पसंदीदा रही मर्सीडीस जी वैगन 

(ग्राफ़िक इन )

जो कि एक बड़ी कार है - पाँच सीटर छह सिलिंडर वाली इस कार 

////चेंज 

की लम्बाई 4606 मिलीमीटर, चौड़ाई लगभग 1980 मिलीमीटर , और व्हीलबेस 2850 मिलीमीटर है 

////चेंज 

इसका पावर स्टीयरिंग महत्त्वपूर्ण है 

/////चेंज 

और सुरक्षा के लिहाज़ से भी फायदेमंद है। .इसके ९ ऐयेरबैग हैं। 

(नैवेद्य )

नज़र डालते हैं एक ऐसे फील्ड ट्रिप की जहाँ छात्रों को टीवी और रेडियो के दफ्तर ले जाया गया। यहाँ छात्रों ने टीवी की दुनिया के दिग्गजों से कुछ ख़ास गुर सीखे और रोज़मर्रा की ख़बरों को देखने और सम्पादन करने के तरीकों अवलोकन किया। पेश है काजोल की ये रिपोर्ट। 

(रश्मि )

टाइम्स नाउ के दफ्तर के इस सफर के बाद हम जानते हैं किस तरह से कैंपस पर मनाया गया वैलेंटाइन डे। 14 फरवरी को चारों तरफ वेलेंटाइन वीक का माहौल था। कपल्स एक दूसरे के साथ सेलिब्रेशन का प्लान बना रहे थे  तो सुमित कुमार बातचीत करते हैं इसी विषय पर बेनेट यूनिवर्सिटी के छात्रों से।

(नैवेद्य )

आज के इस प्रतिस्पर्धा भरे माहौल में विद्यातियों को सफलता पाने के लिए केवल किताबों पर निर्भर नहीं  रहना चाहिए अपितु समावेशी विकास की ओर ध्यान देना चाहिए। इसी के महत्व को ध्यान में रख कर बेनेट यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों के लिए फील्ड ट्रिप्स आयोजित करवाती है जिससे कि छात्रों का व्यक्तिगत विकास हो सके और वास्तविक दुनिया के अनुभव से वे सीखे। ऐसी ही फील्ड ट्रिप यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ लॉ और टाइम्स स्कूल ऑफ़ मीडिया ने अपने विद्यार्थियों के लिए आयोजित की। जानते हैं कि छात्रों ने वहाँ कैसे जागरूक किया आसपास के गाँव वासियों को। .. 

(रश्मि )

तो आज के लिए इतना ही। हमारा चैनल इसी तरह आपको अपडेट करता रहेगा। 

(नैवेद्य )

और कैंपस डायरी में नयी कहानियों की खोज जारी रहेगी। 

(एक साथ )

देखते रहिये बीयू टीवी।  नमस्कार 



Sunday, April 2, 2023

 बुलेटिन प्रोडक्शन 

रन डाउन बनाना 

स्टोरी का निर्णय लेना 

समय निर्धारित करना 

स्लग बनाना 

रिपोर्टर का नाम लिखना 

एंकर लिंक सुनिश्चित करना 

विभिन्न प्रकार के समाचार बुलेटिन

- न्यूज़ 

- मैगज़ीन 

- साक्षात्कार 

- पैनल इंटरव्यू 

रंडाउन तैयार करना 

सीक्वेंस समझना 

एक थीम से शुरुआत करना 

एंकर लिंक लिखना 

टाइम निश्चित करना 

एक सेगमेंट १०-१२ मिनट का रखना 

लाइव और ब्रेकिंग न्यूज स्थितियों को संभालना

आउटपुट एडिटर से संपर्क करना 

रिपोर्टर से संपर्क करना 

सम्बंधित फ़ोन लगाना 

एंकर को स्टूडियो भेजना 

पूरे पीसीआर क्रू को बुलाना 

पहला सेगमेंट रोल करना 

ब्रेकिंग न्यूज़ में तुरंत लाइव करना 

इनपुट और आउटपुट डेस्क समन्वय

इनपुट द्वारा न्यूज़ का चयन 

उसके आधार पर फॉरवर्ड प्लानिंग करना 

स्टोरी बैंक से आउटपुट एडिटर को न्यूज़ लेना 

रन डाउन स्टोरी के आधार पर बनाना 

कोई लाइव इंटरव्यू इनपुट के आधार पर तय करना 

प्रोमो और टीज़र काटना

शॉट्स का चयन करना 

एंकर से रिकॉर्ड करवाना 

टेक्स्ट लिखना 

ग्राफ़िक डिज़ाइन करवाना 

एडिट करना 

प्रिय विद्यार्थियों,

आशा करती हूँ आप लोग अपनी बुलेटिन की तैयारी में लगे होंगे। 

हमारा पहला बुलेटिन तैयार है। झोल और स्पोर्टिकोन वाले इवेंट्स से हमारा दूसरा बुलेटिन शुरू हो जाएगा।  अगर पहला बुलेटिन लम्बा हुआ तो हम उसकी कुछ स्टोरीज दुसरे बुलेटिन में ले लेंगे। जैसे शिवरात्रि का पर्व कैंपस पर कैसे मनाया गया , इसका ग्राफ़िक वीडियो के साथ दूसरे बुलेटिन में बनाया जा सकता है। 

आगे जो करना है वो निम्नलिखित है :

- दूसरे बुलेटिन का रन डाउन 

- दूसरे बुलेटिन के स्क्रिप्ट्स 

सोमवार तक मैं आपको पहले बुलेटिन के एंकर लिंक्स लिखकर भेज रही हूँ ताकि मंगलवार को आप रिकॉर्ड कर सकें। मैं मंगलवार को नहीं आऊंगी और सोमवार को आप सब शायद फील्ड ट्रिप पर जा रहे हैं। 

साभार 

नवोदिता मैम 

हाँ 

न 

लोकसंपर्क 

गुप्तचरों 

राजाओं 

प्राचीन काल में लोकसंपर्क के मार्ग इनमें से कौन से नहीं थे। 

रेडियो 

शिलाखण्ड 

ताम्रपत्र 

आधुनिक विज्ञान से विकसित होने पर आज के लोकसंपर्क के साधन हैं:

समाचार - पत्र 

प्रस्तर - मूर्तियाँ 

शिलाखण्ड

प्रिय विद्यार्थी ,

मैं आप सभी को फिर से बताना चाह रही हूँ कि आपका पी टी सी टेस्ट २. ३० बजे से है. सभी लोग स्टूडियो में आ जाइएगा।  ये सबके लिए अनिवार्य है।  

साभार 

नवोदिता 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया 

दैनिक जागरण 

भारत ने अपने सिनेमा का विकास मूक सिनेमा से लेकर,               और ३ डी सिनेमा तक किया है। 

टॉकीज़ 

नाटक 

संगीत 

हिंदी पत्रकारिता चार चरणों अथवा युगों में बँटी हुई है। 

जेम्स हिकी 

महात्मा गाँधी 

यह पत्रकारिता का।  /युग था 

तीसरा 

पहला 

दूसरा 

करूँगी 

Saturday, April 1, 2023

Important Shloka

 क इमं दशभिर्ममेन्द्रं क्रीणाति धेनुभिः 

यदा वृत्राणि जंघानदथैनं मे  पुनर्ददत 


सही :

"क इमं दशभिर्ममेन्द्रं क्रीणाति धेनुभिः । यदा वृत्राणि जंघनदथैनं मे पुनर्ददत् ।।"
-ऋग्वेद-४/२४/१०

अर्थ-हमारे इस इन्द्र को कौन १० गायों से ख़रीद रहा है ? ( ध्यातव्य है कि प्राचीनकाल में गायों द्वारा ख़रीदारी होती थी । जैसे-राजर्षि अम्बरीष ने महर्षि ऋचीक के पुत्र “शुन:शेप” को १लाख गौवों से ख़रीदने की बात कर रहे हैं-

Tuesday, February 21, 2023

फार्म का लॉन्ग शॉट 

झूलों का क्लोज- अप 

पनघट का मध्यम शॉट 

पपेट शो का शॉट 

टिकट विंडो का शॉट 

व्यंजनों का शॉट 

अंगीठी का क्लोज़ - अप 

नाच का लॉन्ग शॉट , क्लोज़ - अप 


प्रिय विद्यार्थियों 

आज का क्विज इस स्क्रिप्ट पर आधारित होगा। 

साभार 

नवोदिता 

१. एंकर लिंक की परिभाषा है :

यह स्क्रिप्ट के पहले ऑडियंस के सम्मुख बोला जाता है 

यह एंकर की प्रतिक्रिया है 

यह एंकर के सम्मुख एक खेल है 

२. स्क्रिप्ट की शुरुआत हमेशा एक                  से होती है 

वॉइस ओवर 

बाइट 

फ़ोन 

३. टेलीविज़न का स्क्रिप्ट अधिकतर                     फॉर्मेट में लिखा जाता है. 

दो - कॉलम 

तीन - कॉलम 

चार - कॉलम 

४. शॉट विवरण ज़्यादातर                       कॉलम में लिखा जाता है 

बाएँ 

दाएँ 

बीच के 

५. स्क्रिप्ट लिखने के लिए पहले वी ओ में यह फार्मूला चलता है :

५ डब्लू , १ एच 

३ डब्लू , २ एच

२ डब्लू , ४ एच

६. वी ओ लिखने के लिए कुछ तकनीक हैं :

पीपीएफ़ 

पीपीटी 

पीडीएफ 

७. ऑडियंस से एक निजी सम्बन्ध बनाने के लिए रिपोर्टर              करता है :

पी टी सी 

पी टी ओ 

पी सी आर 

८. इनवर्टेड पिरामिड स्टाइल ऑफ़ राइटिंग होता है जहाँ :

मुख्य चीज़ें पहले लिखकर बाकी विवरण धीरे धीरे समझाएं 

पहले ही बात पर फोकस करना शुरू करें 

ज़्यादा ज़रूरी चीज़ें बाद में समझाएं 

९. आखिर में जब रिपोर्टर अपने चैनल का नाम और शहर का नाम बताता है, उसे            कहते हैं :

साइन ऑफ 

साइन इन 

साइन आउट 

१०. यह इंटरव्यू का एक प्रकार है जो सबसे ज़्यादा टीवी स्क्रिप्ट में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है :

बाइट 

लॉन्ग इंटरव्यू 

फोनो 


Sunday, February 19, 2023

Quiz

 १. निक्षेपण का मतलब है :

किसी व्यक्ति अथवा कलंक को मिटाना तथा उन्हें सामान्य अवस्था में प्रस्तुत करना निष्कलंकीकरण करना होता है। 

एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति को रोग के कीटाणु जाना 

किसी रोग को जड़ से मिटाना 

२. स्वास्थ्य सम्बन्धी सूचनाएं प्रसारित करने के तरीके हैं :

सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान, स्वास्थ्य शिक्षा, चिकित्सक और रोगी के बीच वार्ता 

चुप रहना, संपर्क न रखना, लोगों से कम मिलना 

खाना न खाना, पानी कम पीना, कसरत न करना 

३. स्वास्थ्य संवर्धन का मतलब है :

अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण द्वारा स्वस्थ रहने की आदत डालना 

स्वास्थ्य बढ़ाने के लिए दवाइयां खाना 

स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना 

४. सकारात्मक मीडिया मनोविज्ञान मनोविज्ञान का उपक्षेत्र है जो मीडिया के सकारात्मक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक तथा व्यवहार सम्बन्धी प्रभावों की मीडिया के माध्यम से जानकारी देता है.

हाँ 

न 

५. कलंक स्वास्थ्य - सम्बन्धी प्रसार में क्या मायने रखता है ?

यह किसी पर लगा ऐसा आक्षेप है जो बदनाम कर देता है 

इससे रोगी ठीक हो जाता है 

रोग मिटाने का एक आसान तरीक़ा है 

६. 'दो बूँद ज़िन्दगी ' भारत में कौन से बीमारी को मिटाने का प्रोग्राम था :

पोलियो

कुष्ठ रोग 

महामारी 

७. ये फिल्में विभिन्न मामलों पर नए समाधान लेकर आयीं :

हिचकी - टोरेट्टे  सिंड्रोम

पा - प्रोजेरिया 

तारे ज़मीन पर - डिस्लेक्सिया 

८. अन्तः वैयक्तिक संचार के कुछ उदाहरण हैं :

ध्यान लगाना, चिंतन करना, इष्ट देव से प्रार्थना करना 

चिल्लाना, लड़ाई करना, दूसरे को मारना  

बोलना, लिखना, पढ़ाई करना 

९. अंतर - वैयक्तिक संचार है किन्ही दो लोगों के बीच बातचीत होना। 

हाँ 

न 

१०. शारीरिक हाव - भाव , दूरी और छुअन किस प्रकार के संचार हैं :

अमौखिक संचार 

मौखिक संचार 

समूह संचार  

Wednesday, February 15, 2023

Script

 शॉट विवरण 

एंकर लिंक 

वी ओ १ 

ये है प्रतापगढ़ फार्म्स। जहां आप दिन भर की थकान मिटाने , नयी ऊर्जा पाने और पेड़ - पौधों से ताज़ी हवा में तरोताज़ा हो सकते हैं। यहाँ बच्चों के लिए झूले, बुज़ुर्गों के लिए खाट और वयस्कों के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स से लेकर पानी भरने की पनघट और नट - नटी का खेल भी मौजूद है। इस बार मम्मी पापा की चवालीसवीं शादी की साल - गिराह हमने यहीं मनाई। 

मम्मी का फोटो कोलाज 

वी ओ २ 

यहां १२०० रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से टिकट का किराया है। जहां आप दिन भर बिता सकते हैं और लुत्फ़ उठा सकते हैं अलग-अलग व्यंजन का जो गाँव के शुद्ध देसी घी और खाने के स्टाइल से बनाये गए हैं। एक तरफ बाजरे की रोटी, मक्के की रोटी और दूसरी तरफ चाट - पकौड़ी। वहीं रोज़मर्रा की दाल - सब्ज़ी पनीर की भी व्यवस्था है। सबसे ज़्यादा मज़ा तो इस खाने को हज़म करने के लिए नृत्य - नाच करके मिला जिससे लगा कि हम अपनी संस्कृति के बारे में कितना कम जानते हैं। 

सबका नृत्य 

यहां हल जोतने में उतना ही मज़ा आया जितना साइकिल रिक्शा चलाने में और डीजे का नाच करने में। अंत में चाय की चुस्की लेकर और एनिमल फार्म जाकर हमने वापिस घर की ओरे यात्रा शुरू की। 

आखिरी मोंटाज 


Tuesday, February 14, 2023

Quiz

१. लोक मीडिया का अर्थ है:

ग्रामीण तथा कबीले के लोगों को उपलब्ध संचार के विभिन्न साधन 

टीवी, अखबार आदि का उपयोग 

मार्केटिंग और विज्ञापन की दुनिया 

२. लोक या पारम्परिक मीडिया का यह दूसरा नाम नहीं है:

न्यू मीडिया 

समूह मीडिया 

वैकल्पिक मीडिया 

३. ये लोक मीडिया की मुख्य विशेषताओं में से नहीं है:

तकनीकी योग्यता होना अनिवार्य है। 

सांस्कृतिक समूह या क्षेत्र की भागीदारी होना। 

योग्यता बिना किसी प्रशिक्षण के प्राप्त करना। 

४. विद्वानों के अनुसार भारत में लगभग 6000 प्रकार के लोक मीडिया और पारम्परिक कला के रूप विद्यमान हैं। 

हाँ 

न 

५. अपने मानवीय अनुभवों को दूसरी पीढ़ी तक सहजता से पहुँचाना - इसका सबसे प्रभावशाली तरीका है :

मौखिक प्रथा 

लिखित संचार 

खेल खेल के 

६. जन संचार माध्यम राष्ट्रीय विकास में कुछ यूं सहायक है :

विकास के लिए तकनीकी दक्षता प्रदान करना 

शहरों का सौंदर्यीकरण करना 

जन जन तक सन्देश पहुँचाना 

७. जन सामान्य तक पहुँच होने के कारण इसे।                      मीडिया भी कहा जाता है :

सामाजिक 

निजी 

मार्केटिंग 

८. मीडिया ने जनता को निर्भीकता पूर्वक जागरूक करने के ज़िम्मेदारी बखूबी निभायी है। 

हाँ 

न 

९. मीडिया के खराब व्यवहार से समाज में अव्यवस्था और असंतुलन की स्थिति पैदा होती है। 

हाँ 

न 

१०. परम्परागत मीडिया का एक अभिन्न अंग है :

नुक्कड़ नाटक 

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस 

स्मार्ट सिटी  



Sunday, February 12, 2023

Anniversary To Remember 2023: Vasudhaiv Kutumbakam!

 Anniversary To Remember: Vasudhaiv Kutumbakam

It was my parents' anniversary but the place we went to for a day was worth the stay.

I particularly liked it because of its ambience, agro-tourism and eco-tourism, too.

The place was full of Indian culture and immense positivity and welcome and friendly vibes. (https://pratapgarhfarms.com/)

It included a high-tech system of booking online tickets through e-wallets where you could simply take the screenshot of the paid ticket at the counter and get entry.

We drove a long way from Greater Noida, via Delhi and reached the much-discussed place by 10:30 am where we first hurriedly used the washroom and then got started with our first meal of the day- breakfast.

Perfectly Indian meal with rich Kaddoo subzi (made out of pumpkin), Aaloo curry, stuffed parantha and yummy poori was served with curd, jalebi and some pickle. Even though I was on a diet, I jumped at the sight of a delicious Indian meal. Soon after we began to explore the farmhouse and realised there were lots of other delicacies- Bajra roti, Makka roti, Lehsun-garlic chutney, Chhaachh (buttermilk), Neebu Shikanji (lemonade), tea, pakoras, street food and raw sugarcane to chew on. We couldn't have asked for more abundance and an overhwelming sense of riches, food at a nominal cost of Rs. 1200 per person.

We decided to munch on the food slowly throughout the day after each activity. We went to a corner where there were male and female dancers from Haryana, dressed in traditional Banjara dress with headgear. I danced with one of the dancers to their traditional song and dance while my mother clicked photographs and made videos.

We quickly sipped some tea, drank some lemonade and buttermilk and went off for some gulli-danda, gun shooting and peedha-making. While we watched the artisans stitch and create flowery patterns on the peedha (what we in Uttar Pradesh call 'machiya') we realised it was a place full of fun and frolic with families coming there with their young kids to enjoy a weekend. We now went off to the other side of this farmhouse- I insisted that I wanted to visit the Aushadhi-Vaatika first. My parents made sure that they kept my choices in mind so we went immediately to see the trees and plants with medicinal value (photographs attached).

While viewing the diverse flora of the place, we crossed the camel cart ride, mehndi artists, potters, other artists. Immediately after observing the medicinal trees, I rushed to the mehndi lady for a hand of art on both my palms. She beautifully colored my hands in henna. Beautiful floral patterns adorned my hands which I did not feel like taking off for the next half-an-hour. Also, henna had to be dried so that it leaves a colorful orange color on my palms.

While I kept the henna for drying, my parents were off to the tea corner for sipping some hot tea along with piping hot Gobhi and Paneer Pakodas.

Soon after we decided to explore the other side of the farm and landed up seeing a bioscope, some more indoor games, a place for mud bath and mud massage, a Shiva temple, a hanging bridge made of bamboo, a well with traditional rural costumes for women kept close to it for wearing (called Pratapgarh Panghat), a rope artist, a merry-go-round and lots of other fun rides and games.

There was also a rabbit farm, an emu farm, some sheep (which I took in my lap) and couple of plantations of cauliflower, cabbage, mustard, radish and turnip among others. Close to the rabbit farm there was a raised platform for tractor ride and bullock-cart ride. There was a bio-gas plant, some mattresses and green grass carpet for an afternoon siesta and a lady who was separating the wheat from the chaff. Lots of scarecrows dressed in traditional Haryanvi woman's attire could be seen everywhere. In another corner, there was a small portion from the field where sowing and ploughing was taking place with the help of a bullock. My father tried doing that with the help of the local farmer. 

To the far end of the premises was some space for loads of adventure sports and outdoor sports from badminton to basketball to rope climbing, Flying Fox, etc. While our family sat and watched others play the adventure games we clicked some selfies with visitors in the background.

As we headed towards the dining area for some lunch, we decided to stop over at DJ's for a quick dance. I requested the DJ to play the song, 'Munni Badnaam Hui' from the movie Dabangg.

We clicked some more pictures on the rickshaw, tempo and other things- the trampoline, for example, as we headed for some bite of paneer, naan, green raita, arahar daal, gobhi aloo subzi and pickle. My parents headed for some Bajra roti, Makka roti, Saag, Lehsun chutney.

After lunch we headed for a puppet show, some magic show, Bodhi Vatika, Sita Rasoi, Khaat (traditional bed) for sleeping where my mother and father took a short nap.

I got photographs clicked with a sheep, on the tractor and with the tractor-driver.

As the clock turned 3, we decided to drive back. We inquired the ticket-vendor to guide us to the right way back to our home. We took the Eastern Peripheral Expressway which got us home in two hours and a half.

It was a trip well completed where I really liked the slogan 'Vasudhaiv Kutumbakam' or the world is my family. 

The village thus showed me the gentleness and kindness of a farmer and the ladies who were cooking Makka and Bajra rotis as one of them blessed me with her hands as I touched her feet. It was so different from a small, marginalised farmers' home always shown in a distressed light. It was a scenario of a well-to-do farmer whose crops are always sold and the reaped harvest has always won him dividends and profit and there's happiness everywhere. He is definitely not the Premchand's farmer-protagonist we have often read about in his short stories.

#HappyFarms #Prosperity #Abundance #Fields #AsYouSowSoShallYouReap #Wealth #BountifulCrop


































Friday, January 27, 2023

The Year That Was- 2022!

The Year That Was- 2022!


There are lot of reasons why the year 2022 was very significant. I got to travel alone on an official tour, to Mumbai; my brothers got married in lavish ceremonies; NDTV was sold off to Gautam Adani. NDTV was almost like my birthplace. So the office being bought by Adani was a rather important step.

Journalism has been very close to my heart and my being. The profession as a practice somehow defines my being and the person I like to be. A journalist always tells the right story. A journalist always performs his duty well. A journalist is a good Samaritan. A journalist searches for the truth. A journalist is sensitive with the right acquaintances, sources, speaking to people at every step and writing stories that matter.

For me, Dr. Prannoy Roy created that aura of a journalist in my eyes. My first impression of a journalist was formed when I first met him and his family. That began my journey into the field of journalism, media and politics.

Although I had left NDTV ages ago in 2009, the remnants continued to haunt me forever for the rest of my life- not because there was a history but simply because there was an emotional relationship I shared with the organisation. 

My best childhood friend's parents had founded the organisation. I had heard about it and its development from a very young age. That is why as I grew up I worked there with complete ease, safety and security, something not all women working in media experience.

NDTV felt like the most creative place where I got to be my most natural self, express myself to the best, giving expression to my bestest talents and skills.

It is primarily for this reason I like this organisation- something I haven't experienced since 2009.

Freedom is a rare thing to find and when one finds freedom with an organisation, place, situation, event or a country, one begins to love that place, person, organisation, event or life situation.

This is why NDTV will always remain that place of freedom etched in my memory.

I was very sad the day I got to know Dr. and Mrs. Roy have resigned from the organisation as it passed into the hands of a new entrepreneur and businessman Gautam Adani.

I will always be grateful to God for my association with the place.