Friday, November 28, 2025

अनुशासन का महत्व

अनुशासन का महत्व 

सामान्यतः अनुशासन हम अपने विद्यार्थी जीवन में सबसे अधिक सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में समय की पाबन्दी, नियम से काम करने का असर, आत्म-संयम का ध्यान रखते हुए दूसरों के प्रति व्यवहार करना, इत्यादि। 

अनुशासन हमारे जीवन में बहुत उपयोगी है और यदि हम इसका निरंतर अभ्यास करें तो हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अनुशासन का अर्थ है - अपने ऊपर शासन करने के लिए कुछ नियम।  इसका तात्पर्य और भी कहीं ज़्यादा गहन है - अनुशासन का अभिप्राय समय - बद्ध होने के साथ साथ एक निरंतर अभ्यास करते रहना, अपने कार्य को और प्रखर बनाना, दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाना, इत्यादि भी शामिल हैं। 

अनुशासन के रास्ते हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं और अपनी मंज़िल तक पहुँच सकते हैं। यहाँ पर यह भी समझना ज़रूरी है कि अनुशासन कितने प्रकार का होता है और इसकी सीमाएँ क्या हैं - वैसे तो अनुशासन अपने आप में एक सीमा को ही परिधि बनाये हुए है तो उसकी क्या सीमा हो सकती है - लेकिन अनुशासन की भी सीमाएँ हैं। 

अनुशासन मात्र शरीर तक ही सीमित नहीं है - शरीर पर अनुशासन करना तो एक सर्व - विदित विज्ञान है। असली अनुशासन हमारे विचारों से शुरू होता है। 

जब हम अपने मन को स्थिर रखना सीख जाते हैं , अपने दिमाग़ को इधर - उधर भागने से रोक सकते हैं , क्रमशः अच्छे विचार , सकारात्मक सोच , दूसरों का भला सोचना - इस प्रकार के अनुशासन का अभ्यास करते हैं तो हमारे जीवन में बदलाव आता है। 

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सो कर उठने , समय पर रात को सोने से , स्वस्थ भोजन ग्रहण करने से , अपने शरीर का ध्यान रखते हुए ऑफिस में कार्य करने से भी अनुशासन हमारे जीवन में धीरे - धीरे आता है और कब हमारा जीवन बदल जाता है , हमें पता भी नहीं चलता। 

हम अपने जीवन में यदि बदलाव देखना चाहते हैं तो अनुशासन अपनी कार्यशैली में लाने से हमारा जीवन बदल सकता है। 


Wednesday, November 26, 2025

एक जादुई तिलिस्म

 एक जादुई तिलिस्म 


मैं रोज़ उस बगीचे में जाती थी। वहाँ मुझे घर से दूर एक सुकून मिलता था। मैं वहाँ बैठती, थोड़ी देर तक अपने मन पसंद गाने गाती और फिर लौट आती। लेकिन उस दिन जैसे ही मैने गाना गाना बंद किया, मेरी नज़र बगल में ज़मीन पर पड़े एक तावीज़ पर पड़ी। पहले तो मुझे लगा मुझे उसे हाथ नहीं लगाना चाहिए। लेकिन जब काफी देर तक उसको कोई लेने नहीं आया तो मैं उठी और थोड़ी देर तक उसे निहारती रही। 

फिर मैंने देखा कि उसमें से एक अजीब सी रोशनी निकल रही है। पहले तो मैं डरी और फिर ठिठकी। मन में तरह-तरह के विचारों ने मुझे घेर लिया - मैं उस तावीज़ को उठाऊँ या नहीं , मैं उसे खोलूँ या नहीं। लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसे उठाया, टटोला और खोला। उस तावीज़ की तेज़ रोशनी से पहले मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया , फिर जो हुआ मैं उसे बयान नहीं कर सकती। 

पहले एक ज़ोर सा सिर-दर्द हुआ और मैं चारों खाने चित्त ज़मीन पर लेट गयी। मुझे लगा जैसे मैं अपनी आँखें खोल ही नहीं पा रही हूँ। आँखें बंद ही हो गईं। मेरा सिर चकराने लगा। मेरे दिमाग़ में तरह - तरह की यादें आने लगीं। कभी मैं चार साल की हो जाती , कभी पांच की , कभी नौ वर्ष की और कभी बीस वर्ष की। उन सभी उम्र में मेरे साथ जो जो हुआ था , वो सब मेरे दिमाग़ में घूमता रहता। फिर अचानक मैं भविष्य - काल में चली जाती। मैं किस तरह अपना बुढ़ापा काट रही हूँ, कहाँ हूँ , आदि। किसी एक समय में नहीं ठहर पा रही थी। ये सब घूमते घूमते , एक स्वामी मेरे सपने में आए और उन्होंने कहा - वर्तमान ही सर्वोत्तम समय होता है। मेरा शरीर मानो नया हो गया हो। मेरे सारे रोग शरीर से गायब हो गए हों। मेरी सारी महत्वाकांक्षायें गायब हो गयीं हों। 

अब मैं चाहती सिर्फ़ अपने आपको , अपने आप से एक नया रिश्ता बनाना। जहाँ मैं खुश रहूँ क्योंकि एक उदास व्यक्ति कभी किसी को ख़ुशी प्रदान नहीं कर सकता। 

धीरे - धीरे आँखें खुलीं और मैं अपने घर में अपने कमरे में थी जहाँ पूरा कमरा बहुत साफ़ हो गया था।  मैं उठी और देखा कि मेरे अंदर एक नयी ऊर्जा आ गई है। मैं अपने सारे काम नियम से, सुचारू रूप से, सुव्यवस्थित ढंग से कर रही हूँ। मैं सबसे अच्छी तरह वार्तालाप कर रही हूँ और मैं अपने और दूसरों का अच्छी तरह ख़याल भी रख रही हूँ। अब मेरे कमरे में मेरे बगल में मेरी बेटी भी लेटी हुई है जो मुझे बार - बार प्यार कर रही है, मुझसे लाड़ कर रही है और मेरे साथ खेलने की इच्छा जता रही है। 

जब मेरी बेटी सो गई तो मैं अक्सर सोचती हूँ कि आख़िर ये जादुई तिलिस्म क्या था , मेरे जीवन में कैसे आया और भगवान् ने इसे मेरे जीवन में क्यों भेजा ?

Saturday, November 22, 2025

Children's Day Bonanza!

 It was a fun-filled night and I enjoyed myself to the fullest.


Memory 2025!